सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में रखी बात, सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार
संसद के सोमवार से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने अडानी और मणिपुर मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग की।
संसद के सोमवार से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने अडानी और मणिपुर मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग की। इसके अलावा विपक्षी दलों ने उत्तर भारत में प्रदूषण और रेल दुर्घटनाओं पर भी चर्चा की मांग की। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने बताया कि उनकी पार्टी ने अडानी ग्रुप पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर संसद में चर्चा की अनुमति देने की सरकार से अपील की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि सोमवार को संसद की बैठक में सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया जाए। राज्यसभा सदस्य तिवारी ने कहा कि यह देश के आर्थिक और सुरक्षा हितों से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि कंपनी ने अपनी सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अनुकूल सौदा पाने के वास्ते नेताओं और नौकरशाहों को 2,200 करोड़ रुपए से अधिक का कथित तौर पर भुगतान किया।
उधर, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि संसद सत्र से पहले सभी दलों के नेताओं के साथ सार्थक बातचीत हुई और सरकार हर विषय पर चर्चा कराने के लिए तैयार है, लेकिन चर्चा शांतिपूर्ण ढंग से होनी चाहिए, ताकि उसका लाभ भी हो। चर्चा के मुद्दों पर फैसला कार्य मंत्रणा समिति करेगी। विपक्ष सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने दे। इस सत्र में कार्यवाही शुरू होने से पहले केरल और नांदेड़ सीट से उपचुनाव जीतकर आए दो नए सांसदों को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला शपथ दिलाएंगे। सर्वदलीय बैठक का आयोजन संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इस बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना, बीजद और अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए।
20 दिसंबर तक चलेगा शीतकालीन सत्र, कुल 16 विधेयक सूचीबद्ध
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के लिए वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं। लंबित विधेयकों में सबसे अहम वक्फ (संशोधन) विधेयक है, जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। समिति को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। समिति के विपक्षी सदस्य समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं।
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