हाईकोर्ट ने बलिया निवासी पिंटू सिंह के खिलाफ एससी एसटी का मामला खारिज कर दिया
बलिया। न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान की अध्यक्षता वाली अदालत ने पिंटू सिंह उर्फ राणा प्रताप सिंह निवासी बलिया व अन्य की ओर से एससीएसटी एक्ट के तहत की गई कार्रवाई को निरस्त करते हुए...
बलिया। न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान की अध्यक्षता वाली अदालत ने पिंटू सिंह उर्फ राणा प्रताप सिंह निवासी बलिया व अन्य की ओर से एससीएसटी एक्ट के तहत की गई कार्रवाई को निरस्त करते हुए उक्त फैसला सुनाया। कहा कि अतिरिक्त अपराधों से संबंधित आगे की कार्रवाई नहीं रुकेगी। एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) के तहत अन्य मामलों की तरह पिंटू सिंह उर्फ राणा प्रताप सिंह निवासी थाना नगरा जिला बलिया व अन्य पर वर्ष 2017 में मुकदमा दर्ज किया गया था।
सूचीबद्ध आरोपियों ने शिकायतकर्ता के घर में घुसकर कथित तौर पर उसकी पिटाई की और जातिसूचक टिप्पणी की। आवेदकों ने एससीएसटी एक्ट के तहत की गई कार्यवाही को हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर चुनौती दी। याची के अधिवक्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता का घर आम लोगों के लिए खुला नहीं है, वहीं अपराध किया गया अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता इस तथ्य का खंडन नहीं कर सके कि कथित घटना शिकायतकर्ता के घर में हुई थी, भले ही उन्होंने इस आधार का विरोध किया हो।
एफआईआर और सीआरपीसी की धारा 161 के अनुसार, अदालत ने कहा कि कथित घटना घर में हुई थी। घटना के समय, कोई बाहरी व्यक्ति मौजूद नहीं था। एससी/एसटी अधिनियम की आवश्यकताएं इस विशेष परिदृश्य में लागू नहीं होंगी। डाला गया... इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कहा? बलिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुताबिक, एससी/एसटी एक्ट के प्रावधानों को केवल धमकी या सार्वजनिक अपमान के मामलों में ही लागू किया जा सकता है। एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) की आवश्यकताएं तब लागू नहीं होंगी जब अपराध सार्वजनिक रूप से नहीं किया गया हो।
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