सीतापुर: वैशाख पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने चक्रतीर्थ व गोमती में स्नान किया

सीतापुर नैमिषारण्य। वैशाख पूर्णिमा के पावन अवसर पर पूरे दिन देश भर से श्रद्धालु अपने गृह क्षेत्र समेत सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल नैमिषारण्य में स्नान, दर्शन व पूजन कर सकेंगे।

May 23, 2024 - 18:54
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सीतापुर: वैशाख पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने चक्रतीर्थ व गोमती में स्नान किया
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सीतापुर नैमिषारण्य। वैशाख पूर्णिमा के पावन अवसर पर पूरे दिन देश भर से श्रद्धालु अपने गृह क्षेत्र समेत सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल नैमिषारण्य में स्नान, दर्शन व पूजन कर सकेंगे। नैमिषारण्य में चक्र तीर्थ के अलावा गोमती नदी के राजघाट, दशाश्वमेध घाट व देवदेवेश्वर घाट पर श्रद्धालुओं ने सुबह चार बजे से ही स्नान शुरू कर दिया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दीप जलाए और परंपरा के अनुसार गोमती नदी को अर्घ्य देकर सूर्य को अर्घ्य दिया।

इस दौरान धार्मिक मान्यता के अनुसार हनुमान चालीसा पाठ, गोमती पूजा, तुलसी पूजा, सत्यनारायण व्रत कथा, श्री विष्णु सहस्रनाम पाठ, सुंदरकांड पाठ आदि धार्मिक अनुष्ठान किए गए। इस दिन लोग बुद्ध पूर्णिमा भी मनाते हैं। इस दिन गोमती, गंगा, यमुना, नर्मदा या कावेरी जैसी पवित्र नदियों में से किसी एक में डुबकी लगाने की प्रथा है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो कोई भी इन पवित्र नदियों में स्नान करता है, दान आदि देता है, वह अपने पिछले कई जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है।

आज देर शाम तक श्रद्धालु कालीपीठ, सूतगद्दी, व्यासगद्दी, हनुमान गढ़ी, देवदेवेश्वर और मां ललिता देवी सहित तीर्थ के प्रमुख मंदिरों में दर्शन करने आते रहे। इस खास दिन तीर्थ मंदिरों में कई पूजा समारोह या भंडारे की भी योजना बनाई गई थी। पूरे ट्रेक में कई स्थानों पर प्रसाद का वितरण अभी भी जारी था। नौतपा का समय तापमान को काफी बढ़ा देगा। नौतपा ज्येष्ठ माह की शुरुआत में होने वाले नौ दिनों के संयोग को दिया गया नाम है।

श्रीमद्भागवत कथा में सूर्य सिद्धांत के अलावा नौतपा का भी उल्लेख है। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में रहने के नौ दिनों के दौरान काफी गर्मी पड़ती है। इसके अलावा, उस अवधि में दिन की लंबाई 13 घंटे 35 मिनट होगी। शुरुआती पांच दिन बेहद गर्म रहने की संभावना है, जिसमें अधिकांश शहरों में तापमान में तीन से चार डिग्री की वृद्धि (43 से 44 तक) देखी जाएगी। उसके बाद बारिश और तूफान के बनने से नौतपा में खलल पड़ेगा।

इस संयोग से बनने वाली परिस्थितियों का असर आने वाले वर्षा ऋतु पर पड़ेगा। वर्षा ऋतु के दौरान रोहिणी नक्षत्र चौराहे पर होगा और छिटपुट बारिश की संभावना है। वैज्ञानिकों का मानना है कि मई का अंतिम सप्ताह ऐसा होता है जब पृथ्वी सूर्य के सबसे करीब होती है, जिससे भीषण गर्मी पड़ती है। इस बार 25 मई को प्रातः 03:16 बजे सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।

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