पीलीभीत: जीपीएस से तय होगा धान के गन्ने का क्षेत्रफल; अधिकारी नहीं करेंगे माप
पीलीभीत। रोपे गए गन्ने का मशीन से सर्वे किया जाएगा। गन्ने के पौधों की माप पिछले साल पूरी हुई थी; इस बार अधिकारी सिर्फ गन्ने के पौधों की माप करेंगे।
पीलीभीत। रोपे गए गन्ने का मशीन से सर्वे किया जाएगा। गन्ने के पौधों की माप पिछले साल पूरी हुई थी; इस बार अधिकारी सिर्फ गन्ने के पौधों की माप करेंगे।
जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम भार्गव द्वारा गन्ना विकास परिषद मझोला के ग्राम कुलारा में सर्वेक्षण कार्य का औचक निरीक्षण किया गया। क्षेत्र के निरीक्षण के समय सर्वेक्षण कर्मी एवं चीनी मिल के विभागीय गन्ना पर्यवेक्षक उपस्थित थे। गांव में किसान जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया.
ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक मझोला विजय लक्ष्मी ने किसानों से अपील करते हुए खुद खेतों पर रहकर सर्वे पूरा करने और पर्ची मिलने के बाद सत्यापन करने की सलाह दी। कोई आपत्ति होने पर संशोधन अनुरोध दायर किया जा सकता है। शुगर फैक्ट्री-के.बी. के एल.एच. मुख्य गन्ना प्रबंधक द्वारा किसानों से अपने धान की प्रबंधन करने का आग्रह किया गया। शर्मा. कार्यशाला में भाग लेने वालों में चीनी मिल से सुखराज सिंह, सहकारी गन्ना विकास समिति मझोला के सचिव प्रदीप अग्निहोत्री और अन्य क्षेत्रीय कर्मचारी शामिल थे।
इनसेट: चीनी धान की रोपाई के परिणामस्वरूप प्राथमिक फसल में लगने वाली बीमारी पर चेतावनी
चीनी धान की फसल की कटाई के बाद, गन्ना अधिकारियों को प्राथमिक फसल को खतरे में डालने वाले कीटों और बीमारियों की संभावना के बारे में सूचित किया गया था। उन्होंने दावा किया कि चूंकि दोनों फसलों की पोषक तत्वों की आवश्यकताएं तुलनीय हैं, इसलिए भूमि की पोषक सामग्री में भी इसी तरह गिरावट आती है।
अधिक पानी देने, बीमारी और उर्वरकों व कीटनाशकों के इस्तेमाल के कारण किसानों को चीनी धान की लागत के आधार पर सही कीमत नहीं मिल पाती है। साठा धान की फसल हर तरह से नुकसानदेह है। किसान सम्मेलन में गुरनाम सिंह, मंजीत सिंह, हरि सिंह, इकबाल सिंह, सेवा सिंह, बूटा सिंह, हरदीप, सुखविंदर, जगजीत, गुरसेवक, परमजीत, दिलबाग, रूपेंद्र सिंह आदि किसान मौजूद रहे।
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