Ghazipur News : कुंडीय गायत्री महायज्ञ 24वें दिन विराट कलश यात्रा के साथ शुरू हुआ

अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर में आयोजित चार दिवसीय 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ विराट कलश यात्रा के साथ शुरू हो गया।

Apr 14, 2024 - 19:42
 0
Ghazipur News : कुंडीय गायत्री महायज्ञ 24वें दिन विराट कलश यात्रा के साथ शुरू हुआ

ग़ाज़ीपुर: अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर में आयोजित चार दिवसीय 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ विराट कलश यात्रा के साथ हुआ।

वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश यात्रा गांव भ्रमण पर निकली.

गहमर गांव के हनुमान चौतरा पर 14 अप्रैल से 17 अप्रैल 2024 तक 24 कुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ एवं प्रबुद्ध सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत यज्ञ स्थल हनुमान चौतरा पर बड़ी संख्या में साधक जुटने लगे हैं. , इस दिन के पहले दिन सुबह 8:00 बजे। कुछ ही देर में बहनों और माताओं का एक बड़ा दल कलश यात्रा में भाग लेने के लिए एकत्रित हो गया। जहां शांतिकुंज केंद्रीय टोली ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के पवित्रीकरण व अभिषेक कर कलश यात्रा को गंगा घाट पर जल भरने के लिए रवाना किया।

कलश यात्रा के दौरान कई स्थानों पर ग्रामीण पुष्प वर्षा करते रहे

जिन स्थानों पर कलश यात्रा और सद्गुरु ज्ञान गंगा सद्ग्रंथ शोभा यात्रा होती है, वे हैं हनुमान चौतरा से पट्टी भैरो राव, बाबूराव पट्टी से पकीतर होते हुए गोविंद राव, मधुकर राव, कुबेर राव, टीका राव, मगर राव और भीखम राव से नारायण घाट तक। माँ गंगा. उस स्थान पर पहुंचे जहां कलश वाली माताएं और बहनें जल भरना समाप्त कर चुकी थीं। 18 पट्टी गांव की माताएं और बहनें पीले वस्त्र और सिर पर कलश रखकर उत्साहपूर्वक सुमर गहमर टोले की सड़कों से गुजरीं। इस दौरान लोग अपने छतों से और प्रमुख चौराहों पर कलश यात्रा पर पुष्पवर्षा करते रहे।

गायत्री परिवार की महिलाओं ने नकारात्मक विचारों को दूर करने के लिए मंत्रों का जाप किया।

कलशधारी माताओं-बहनों एवं गायत्री परिवार के गगनभेदी नारों से गांव की गलियों में आध्यात्मिक माहौल बन गया। "युग बदलेगा; हम सुधरेंगे; हारी हुई पत्नी गहने बेचेगी; शराबी अपना रवैया बदलेगा; बीड़ी पीकर वह खास बन रहा है; वह मौत के सामने नाच रहा है;" और "हम गायत्री माता के पुत्र हैं।" कलश यात्रा के दौरान गायत्री परिवार के सदस्यों ने 'हम तुम्हें जगाने आए हैं' जैसे नारे लगाकर आम जनता को वर्तमान सामाजिक विचारों को चुनौती देने और सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए प्रेरित किया।

नारायण घाट पर गंगाजल भरा गया।

कलश यात्रा के नारायण घाट पर पहुंचने पर गायत्री परिवार शाखा गाजीपुर के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी सुरेंद्र सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ जल भरना समाप्त किया। इसके बाद कलश यात्रा वापस यज्ञ स्थल पर पहुंची। वहीं शांतिकुंज कोर ग्रुप ने शोभा यात्रा के उपलक्ष्य में पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

सिर पर कलश धारण करने वाली महिलाएं सौभाग्यशाली होती हैं: पांडे श्रीनिवास

कलश स्थापना सत्र के समापन पर केंद्रीय समूह के नेता श्रीनिवास पांडे ने कहा कि जो महिलाएं अपने सिर पर कलश धारण करती हैं, वे भाग्यशाली होती हैं क्योंकि इसमें 33 करोड़ देवताओं की तस्वीरें होती हैं। मुख्य प्रबंध ट्रस्टी सुरेंद्र सिंह ने इस विशेष अवसर पर कहा कि कलश धारण करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है और साथ ही अनगिनत जन्मों के पापों का भी प्रायश्चित होता है। गायत्री के साधकों को कभी निराशा नहीं होती। उनका घर समृद्धि, सौभाग्य और खुशियों से भर जाता है।

इन्हें अनुसूची में शामिल किया गया।

ये थे लोग : अशोक सिंह, रवींद्र शास्त्री, श्याम बहादुर सिंह, बब्बन सिंह, जयप्रकाश सिंह, वीरेंद्र उपाध्याय, सुनील सिंह, बुद्ध नारायण उपाध्याय, देवी सिंह, मोहन सिंह, दीनानाथ शर्मा, महादेव मानव व सुभाष सिंह. यह जानकारी अखिल विश्व गायत्री परिवार के जिला मीडिया प्रभारी विद्यासागर उपाध्याय ने दी.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow