Ballia News: बाढ़ की पानी में घिरने से बंद पड़ा प्राथमिक विद्यालय मांझी, कई घर भी चपेट में
बैरिया, बलिया : विकास खण्ड मुरली छपरा के ग्राम पंचायत चांद दियर के कई मुहल्ले सरयू नदी के बाढ़ में घिर गये है।
बैरिया, बलिया : विकास खण्ड मुरली छपरा के ग्राम पंचायत चांद दियर के कई मुहल्ले सरयू नदी के बाढ़ में घिर गये है। इससे कई तरह की समस्या उत्पन्न हो गयी है। सरयू नदी के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में लगभग 12 सेंटीमीटर घटाव के बावजूद स्थानीय लोगों को जरूरी सामान के अभाव का सामना करना पड़ रहा है।पशु चारा की भी किल्लत उत्पन्न हो गई है।
बता दें कि चांद दियर ग्राम पंचायत के यादव नगर, छोटा प्लांट व यादव नगर बड़ा प्लांट के कुल 50 से अधिक घर सरयू नदी के बाढ़ से घिरे हुए हैं। जिससे लगभग एक हजार से अधिक आबादी को असुविधा हो रही है। बच्चे बुखार से पीड़ित हो रहे हैं, किंतु दवाइयों की व्यवस्था नहीं है।ईंधन व खाद्यान्न की कमी के साथ-साथ पशु चारा के लिए भी दिक्कत हो गई है। बाढ़ के पानी में घिरे उप्र के प्राथमिक विद्यालय मांझी को पालटू नगर प्राथमिक विद्यालय में अटैच किया गया है, किंतु काफी दूर होने के चलते बच्चे वहां पढ़ने के लिए नहीं जा पा रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि एक पखवाड़ा पूर्व जब पहली बार यह इलाका बाढ़ में डूबा था। तब उप जिलाधिकारी सहित कई अधिकारी मौके पर निरीक्षण करने आए थे। इस बार कोई भी हम लोगों का हाल लेने मौके पर नहीं पहुंचा है। उक्त गांव के संतोष कुमार यादव, राजेश, महेश पासवान, दिलीप यादव, राजकुमार यादव आदि ने जिलाधिकारी से तत्काल राहत सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथ इस क्षेत्र में बाढ़ राहत केंद्र क्रियाशील करने की मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि इस इलाके में कहीं भी बाढ़ राहत केंद्र नहीं है। इसी क्रम में सुरेमनपुर दियराचंल में बाढ़ की स्थिति अभी सामान्य है। निचले इलाके में पानी भरा हुआ है, किंतु यहां के लोग इसे बाढ़ की स्थिति नहीं मान रहे हैं।लोगों का कहना है कि सरयू नदी का पानी जहां प्रति साल आता है। वही तक आया है।बरसात के दिनों में इतना पानी हर एक साल हो जाता है। कुछ निचले इलाकों में सब्जी और मक्के की फसल को नुकसान पहुंचा है।
वहीं कटान लगभग रुक सा गया है। समाचार लिखे जाने तक शिवाल मठिया, गोपाल नगर टाड़ी,चाई छपरा, बकुलहा के दियारा मे कहीं भी कटान नहीं हो रहा है।तटवर्ती लोगों ने बताया कि नदी का पानी जमीन के सतह तक आ गया है। वही धारा नदी के बीच में चला गया है। इसलिए कटान रुक गया है। साथ ही तटवर्ती लोगों ने यह अभी कहा कि नदी का कोई ठिकाना नहीं है। कभी भी नदी कटान शुरू कर सकती है। इसलिए हम तटवर्ती लोग सावधान है।
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